अक्सर सुनते है हिंदी फ़ारसी भाषा का शब्द है। हिन्द शब्द फारसी भाषा का ही है। फारसवालेआज के दक्षिणी पंजाब से दिल्ली तक के प्रदेश को हिन्द और सरहिन्द कहते थे,वहाँ की एक नदी को भी हिन्द (आज का हिन्दन) कहते थे।और वहाँ की भाषा को हिन्दुई,हिन्दवी और हिन्दी कहा करते थे। फारसी में शेष पंजाब को मद्र न कहकर पंजाब कहते थे। बाद में भारतीयों ने भी,सतरहवीं ई० शताब्दी से ,मद्र नाम का त्याग कर मद्र को पंजाब लिखना पढ़ना आरम्भ कर दिया। पर हिंदी भाषा आर्यभाषा, अपभ्रंश, लौकिक संस्कृत के रूप में उत्तर वैदिक काल से ही अस्तित्व में रही। ईरानी और फारसी में " ह “ का उच्चारण नहीं होता है । इसके स्थान पर " स “ का उच्चारण होता है । सिन्धु नदी के पार के क्षेत्र को “ हिन्दूकुश “ कहा जाता है । मुग़ल बादशाहों के आने के बाद यहाँ बोली जाने वाली भाषा को हिन्दी, हिन्दवी कहा गया । उनके आने के पूर्व यहाँ बोली जाने वाली भाषा को " भाखा “ कहा जाता था । संस्कृत हैं कूप जल भाखा बहता नीर -कबीर दास अत: हिंदी शब्दमात्र फारसी है, भाषा हमारी संस्कृत, पालि, प्राकृत, अपभ्रन्श से यहाँ तक पहुँची है इस बात को सभी को जा...